Kya Hai Haryana Ki Creche Policy 2024

Kya Hai Haryana Ki Creche Policy

Kya Hai Haryana Ki Creche Policy : हरियाणा की “क्रेच-पॉलिसी” का दूसरे राज्यों द्वारा अनुसरण किया जा रहा है। इस पॉलिसी के तहत बने क्रैच सेंटरों में छह माह से छह साल तक के बच्चे को आठ से दस घंटे तक रखा जा सकता है।

यहाँ पर कुशल एवं प्रशिक्षित कर्मचारियों की देखरेख होती है , बच्चों के नियमित स्वास्थ्य की जांच होती है जरुरत अनुसार टीकाकरण भी किया जाता है।

हरियाणा में कितने क्रैच खोले जाएंगे

चंडीगढ़ , 8 जुलाई – हरियाणा के महिला एवं बाल विकास मंत्री श्री असीम गोयल ने कहा कि राज्य सरकार ने हालांकि बच्चों की देखभाल के लिए अभी 500 क्रैच खोलने का लक्ष्य रखा है , फिर भी जरूरत पड़ेगी तो और भी क्रैच खोल दिए जाएंगे।

इसके लिए धन की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। सरकार ने अपनी “क्रैच-पॉलिसी” के अनुरूप व्यापक बजट को भी मंजूरी दी है। वर्ष 2024-25 के लिए 3215 लाख रुपए की धनराशि आवंटित की है जो राज्य सरकार की महिला एवं बाल कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

श्री असीम गोयल ने आज यहां इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश सरकार का उद्देश्य है कि कामकाजी माता-पिता बिना किसी चिंता के अपना काम कर सकें।

उनके छोटे बच्चों की देखभाल के लिए सरकार ने वर्ष 2020 में राज्य में 500 क्रेच खोलने का निर्णय लिया था। इस लक्ष्य की ओर तेजी से कदम बढाते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग ने पहले चरण में 16 जिलों में 165 क्रेच शुरू भी कर दिए हैं। इनमें साढ़े 4 हजार से अधिक बच्चों की समुचित देखभाल की जा रही हैं।

उन्होंने बताया कि हरियाणा देश का प्रथम राज्य है जिसने अपनी “क्रेच-पॉलिसी” बनाई है। यह योजना अन्य राज्यों के लिए भी एक मिसाल बन कर उभरी है।

उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार के इस निर्णय से बच्चों का समुचित विकास होगा और महिलाएं परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत करने में अपना योगदान दे सकेंगी।

श्री असीम गोयल ने कहा कि आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में परिवार की बढ़ती आर्थिक जरूरतों को देखते हुए महिलाओं की कामकाज में भागीदारी बढ़ रही है।

महिला शिक्षा और रोजगार के अवसरों पर सरकार के निरंतर प्रयासों के परिणामस्वरूप कामकाजी महिलाओं की संख्या में भी लगातार बढोतरी हो रही है।

इसमें कोई दोराय नहीं कि बढ़ते औद्योगीकरण से शहरों की ओर पलायन के साथ-साथ एकल परिवारों की संख्या भी तेजी से बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा प्रतिदिन काम करने वाली महिलाओं की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है।

Kya Hai Haryana Ki Creche Policy

महिला एवं बाल विकास मंत्री ने “क्रेच-पॉलिसी” के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि महिलाओं के कार्यस्थल के नजदीक बने इन क्रेच-सेंटरों में छह माह से छह साल तक के बच्चे को आठ से दस घंटे तक रखा जा सकता है।

Kya Hai Haryana Ki Creche Policy

जहां कुशल एवं प्रशिक्षित कर्मचारी बच्चों के खेलने, नियमित स्वास्थ्य जांच और टीकाकरण, सोने की व्यवस्था, शिक्षा तथा शारीरिक विकास आदि का प्रबंधन करते हैं।

क्रेच में बच्चों को पौष्टिक भोजन भी दिया जाता है जिस का खर्च प्रदेश सरकार द्वारा वहन किया जाता है। छोटे बच्चों के लिए फीडिंग रूम की भी व्यवस्था की गयी है ताकि उन की माताएं अपने कार्य से निर्धारित लंच के समय आकर अपनी सुविधानुसार उन्हें फीड करा सकें।

महिला एवं बाल विकास मंत्री श्री असीम गोयल ने राज्य सरकार की भावी नीतियों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में क्रेच-सेंटर की बढ़ती उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग निरंतर इन की संख्या बढ़ाने में लगा है।

इसके लिए विभिन्न जिलों में क्रेच -वर्कर, हेल्पर, सुपरवाइजर और बच्चों के लिए भी प्रशिक्षण सत्रों का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल कल्याण विभाग बच्चों के सम्पूर्ण विकास के लिए कटिबद्ध है।

Read Also : ट्राई ने ‘राष्ट्रीय प्रसारण नीति-2024 के गठन के लिए इनपुट्स’ पर परामर्श पत्र जारी किया

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *