Hathi Diwas Special : Bharat Me Kitne Hathi Hai ? दोस्तों , आपको बता दें कि हाथियों को जंगल का इंजीनियर कहा जाता है। वह अपने हिसाब से जंगल के स्वरूप को बदलते रहते हैं। हम सब जानते हैं कि विकास की आंधी में दुनिया भर में मौजूद हाथियों पर संकट आया छाया है।
इसलिए हाथियों के संरक्षण के लिए 12 अगस्त सन 2012 से विश्व हाथी दिवस या वर्ल्ड-एलिफेंट-डे मनाया जाता है। हालांकि कहा जा रहा है कि भारत में 27 हजार हाथी (Hathi Diwas Special : Bharat Me Kitne Hathi Hai )हैं परन्तु दुर्भाग्य की बात यह है कि यह महज अनुमान ही है।
सच तो यह है कि कुछ राज्यों को छोड़ कर हाथियों की गिनती ही नहीं हुई है।
हाथियों की गिनती कैसी की जाती है ?
हाथियों की गिनती किस तरह की जाती है, इस बारे में हाथियों के जानकार एक अज़ीब बात बताते हैं। उनका कहना है कि जैसे दो मनुष्य एक जैसे नहीं हो सकते, ठीक उसी तरह दो हाथी भी एक जैसे नहीं होते। भले ही पहली नजर में वे एक जैसे दिखाई दें।
आपको बता दें कि भारत में कैमरा ट्रैप लगाकर बाघों के फोटो खींचे जाते हैं। उनके शरीर की धारियों की भिन्नताओं के आधार पर उनकी गिनती की जाती है।
लेकिन हाथी की गणना का एकदम अलग वैज्ञानिक तंत्र है। हाथी को पहचानने के लिए उसकी शुरूआत उसके माथे से लेकर उसकी पूंछ तक होती है। हर हाथी की पूंछ अलग-अलग लंबाई की होती है। पूंछ के बाल भी सबके समान नहीं होते हैं।
दांतों के आधार पर कितनी तरह के हाथी होते हैं ?
देश में 25 साल से हाथियों के व्यवहार पर काम कर रहे विशेषज्ञ सितांशु दास ने बताया कि हाथी मुख्य तौर पर तीन प्रकार के होते हैं ,….. चकना, मकना और दाताल।
चकना हाथी जो होता है उसके छोटे दांत होते है, मकना हाथी के दांत होते ही नहीं हैं और दाताल के बड़े-बड़े दांत होते है जिनको टस्कर भी कहते हैं। हैरानी की बात है कि अफ्रीकन हाथियों की अपेक्षा एशियन हाथियों की मादा को दांत नहीं होते हैं।
लेफ्ट गणेश, राइट गणेश हाथी क्या होता है ?
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि नर हाथियों के भी दांत एक समान नहीं होते। इनमें भी काफी भिन्नताएं होती हैं। एक तरफ जहाँ कुछ हाथियों के दांत ऊपर की तरफ मुड़े होते हैं, कुछ के नीचे की तरफ मुड़े होते हैं।
किसी का एक दांत ऊपर, एक नीचे की तरफ होता है, तो किसी का एक टूटा होता है, किसी का बायां तो किसी का दायां दांत टूटा होता है। ऐसे सभी दांतों के अपने नाम हैं। उदाहरण के लिए हाथी का अगर बायां दांत टूटा होगा तो उसे लेफ्ट गणेश और दाहिना टूटा होगा तो उसे राइट गणेश कहेंगे।
पांव के निशान से लंबाई की पहचान
इसी तरह पीठ के भी बहुत प्रकार होते हैं। किसी की पीठ सीधी होती है तो किसी की पीठ चपठी, तो किसी की ऊबड़-खाबड़ पीठ होती है।
श्री दास ने आगे बताया कि हाथी के पीछे की बनावट से भी इनको पहचाना जाता है क्योंकि इसमें भी भिन्नताएं होती हैं। हाथी के पांव के निशान से उसकी लंबाई का पता चलता है। इन्ही बिंदुओं पर नजर रख कर हाथी की गणना की जाती है।
भारत में हाथी रिजर्व केंद्र कितने हैं ?
न्यूज़ संस्था के प्रोजेक्ट मैनेजर ने विश्व हाथी दिवस पर प्रकाश डालते हुए बताया कि हाथियों के संरक्षण और कल्याण के बारे में जागरूकता बढ़ाने, हाथियों के सामने आने वाले खतरों, हाथियों की आबादी को बढ़ाने के लिए देश में हठी रिजर्व केंद्र बनाये जाते हैं ।
इसके अलावा उनके आवास यानि जंगल की सुरक्षा और संरक्षण के प्रयासों को बढ़ावा देने आदि के लिए विश्व हाथी दिवस मनाया जाता है।
भारत सरकार ने हाथियों के संरक्षण के लिए टाइगर्स संरक्षण की तर्ज पर देश में 34 हाथी रिजर्व केंद्र बनाए हैं ( Hathi Diwas Special : Bharat Me Kitne Hathi Hai )। हाथी के संरक्षण के लिए केंद्र सरकार की ओर से समय-समय पर फंड भी उपलब्ध करवाया जाता है।
हाथी किसानों की फसल को नुकसान क्यों पहुंचाते हैं ?
प्रभागीय वनाधिकारी कतर्नियाघाट बी शिव शंकर ने बताया कि हाथी किसानों की फसलों का कभी कभी नुकसान भी करते हैं। गन्ने, मक्का और धान की फसलें काफी स्वादिष्ट और पौष्टिक होती हैं और कम मेहनत में हाथी का पेट भी भर जाता है।
इसलिए किसानों को चाहिए कि फसल चक्र को बदलते हुए नींबू, पिपरमिंट और हल्दी बोना चाहिए जिससे हाथी नुकसान नहीं पहुंचा पाएंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने हाथी दिवस पर क्या कहा ?
प्रधानमंत्री नरेदंर मोदी ने कहा कि हाथी हमारी संस्कृति और इतिहास के अभिन्न अंग हैं। उन्होंने विश्व हाथी दिवस के अवसर पर हाथियों की सुरक्षा के लिए किए जा रहे व्यापक सामुदायिक प्रयासों की सराहना की है।
श्री मोदी ने हाथियों को ऐसे अनुकूल आवास उपलब्ध कराने के लिए हर संभव प्रयास करने की प्रतिबद्धता दोहराई, जहां वे फल-फूल सकें।
प्रधानमंत्री ने हाथियों के मूल्य और हमारी संस्कृति तथा इतिहास में उनके महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में हाथियों की संख्या में हुई वृद्धि की सराहना की।
प्रधानमंत्री ने एक्स पर पोस्ट किया ;
“विश्व हाथी दिवस हाथियों की सुरक्षा के लिए किए जा रहे व्यापक सामुदायिक प्रयासों की सराहना करने का अवसर है। इसके साथ-साथ हम हाथियों को ऐसे अनुकूल आवास प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास करने की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं, जहाँ वे फल-फूल सकें।
भारत में हमारे लिए हाथी हमारी संस्कृति और इतिहास के अभिन्न अंग हैं। यह बड़ी खुशी की बात है कि पिछले कुछ वर्षों में उनकी संख्या में वृद्धि हुई है।”