अयोध्या में बनेगा बाईपास, परियोजना को हरी झंडी : ( Bypass road will be built in Ayodhya) – अयोध्या में प्रभु श्रीराम का मंदिर बनने के बाद वहां पर्यटन बढ़ना लाज़िमी है , ऐसे में केंद्र सरकार की परियोजना “पीएम गतिशक्ति” ने अयोध्या में बाईपास सड़क बनाने की योजना बनाई है। इस योजना से आस पास के जिलों को भी फ़ायदा होगा।
Bypass road will be built in Ayodhya
जैसा की हम जानते हैं कि पिछले दो वर्षों में 131 से अधिक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के व्यापक क्षेत्र-आधारित सामाजिक-आर्थिक विकास का आकलन करने के लिए पीएम गतिशक्ति के अंतर्गत नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप-एनपीजी की 64 बैठकें आयोजित की गई हैं , लेकिन अयोध्या बाईपास परियोजना का ख़ाका 52वीं एनपीजी बैठक के दौरान ही तैयार कर लिया गया था।
कितने किलोमीटर लम्बी होगी अयोध्या बाईपास परियोजना
अयोध्या बाईपास परियोजना की कुल लम्बाई 67.57 किलोमीटर है ,जिसमे 4/6 लेन का उत्तरी अयोध्या बाईपास का निर्माण होगा ,इसकी कुल लंबाई 35.40 किलोमीटर तथा 4/6 लेन दक्षिणी अयोध्या बाईपास का निर्माण होगा , इसकी भी कुल लंबाई 32.172 किलोमीटर होगी।
अयोध्या बाईपास की यह ग्रीनफील्ड परियोजना है जो लखनऊ, बस्ती और गोंडा जैसे प्रमुख जिलों से होकर गुजरेगी। यह परियोजना इन तीन जिलों में पर्यटक और तीर्थ स्थलों सहित आर्थिक, सामाजिक और आर्थिक आपूर्ति श्रृखंला प्रबन्धन के केन्द्रों के बीच सम्पर्क में सुधार की सुविधा प्रदान करेगी।
अयोध्या उत्तरप्रदेश के दो आर्थिक केंद्रों लखनऊ और गोरखपुर के बीच स्थित है और चमड़ा, इंजीनियरिंग सामान, भवन निर्माण सामग्री, लोहा और इस्पात इत्यादि जैसी प्रमुख चीजें निर्मित होकर इस नगर से गुजरती हैं, इसलिए इस बाईपास मार्ग के निर्माण से निर्बाध माल प्रवाह की सुविधा मिलेगी और भीड़भाड़ भी कम होगी।
अयोध्या बाईपास परियोजना से क्या लाभ होगा
इस बाईपास से अयोध्या के आसपास ( Bypass road will be built in Ayodhya) के आठ प्रभाव क्षेत्रों में यात्री और मालवाहक वाहनों के आवागमन (2023 में 89,023 और 2033 में 216,928) में कई प्रकार की पूर्वानुमानित वृद्धि को पूरा करने की आशा है, राष्ट्रीय राजमार्ग (जैसे एनएच -27: लखनऊ-अयोध्या-गोरखपुर; एनएच -330ए : रायबरेली-अयोध्या; एनएच -330: सुल्तानपुर-अयोध्या-गोंडा और एनएच -135A: अकबरपुर-अयोध्या) में भी यात्रियों और विभिन्न प्रकार के सामान की निर्बाध आवाजाही को भी सक्षम बनाएगा और यात्रा में लगने वाले समय को भी महत्वपूर्ण स्तर तक कम कर देगा
यह परियोजना रेलवे स्टेशनों (अयोध्या रेलवे स्टेशन, सोहवाल रेलवे स्टेशन, एएन देव नगर रेलवे स्टेशन और अयोध्या कैंट रेलवे स्टेशन) और हवाई अड्डे (अयोध्या हवाई अड्डे पर) जैसे एकीकृत बुनियादी ढांचे के साथ बहु-विधता (मल्टी –मॉडलिटी) को बढ़ाएगी।
इस परियोजना की परिकल्पना नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप बैठकों में मूल्यांकन की गई अन्य प्रस्तावित ऐसी परियोजनाओं के साथ पूरक और समन्वयन लाने के लिए की गई है, जिसमें (i) प्रयागराज – रायबरेली परियोजना (उत्तर प्रदेश राज्य में प्रयागराज सिटी बाईपास का निर्माण (कुल लंबाई- 64.763 किमी); (ii) गोरखपुर -सिलीगुड़ी कॉरिडोर-गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) से सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल) तक परियोजना विस्तार का विकास; (iii) गोरखपुर-बरेली कॉरिडोर-गोरखपुर से रामपुर तक परियोजना विस्तार का विकास शामिल है।
अयोध्या का अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा
अयोध्या का क्षेत्रीय बुनियादी ढांचा महत्व इसके सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व से भी कहीं अधिक है, जो आसपास के क्षेत्रों के समग्र विकास और कनेक्टिविटी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
हाल ही में अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (महर्षि वाल्मिकी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे) के उद्घाटन ने एक ऐसे महत्वपूर्ण पड़ाव को चिह्नित किया है, जो आगंतुकों के लिए एक सुविधाजनक हवाई यात्रा विकल्प प्रदान करता है।
यह न केवल पर्यटन को बढ़ावा देता है बल्कि अयोध्या को उस राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय परिवहन ग्रिड से भी जोड़ता है, जिससे आर्थिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलता है।
अयोध्या का रेलवे स्टेशन
अयोध्या में रेलवे स्टेशन (अयोध्या धाम जंक्शन रेलवे स्टेशन) को देश भर के प्रमुख शहरों के साथ निर्बाध कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए आधुनिक मानकों को पूरा करने के लिए उसका पुनर्विकास किया गया है।
पुनर्निर्मित स्टेशन 10 हजार की वर्तमान क्षमता की तुलना में 60 हजार यात्रियों की आवाजाही की सुविधा प्रदान करेगा। बेहतर रेल बुनियादी ढांचा न केवल लोगों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाता है, बल्कि माल के ऐसे कुशल परिवहन का भी समर्थन करता है जिससे क्षेत्रीय आर्थिक विकास में योगदान भी बढ़ता है।
पुनर्विकसित अयोध्या रेलवे स्टेशन की कुछ प्रमुख विशेषताओं में निम्नलिखित सम्मिलित हैं :
- लिफ्ट, एस्केलेटर, फूड प्लाजा, पूजा की आश्यकताओं के लिए दुकानें, क्लॉकरूम, शिशुओ की देखरेख हेतु कक्ष (चाइल्डकेयर रूम) और प्रतीक्षा कक्ष (वेटिंग हॉल) जैसी सभी आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित तीन मंजिला आधुनिक रेलवे स्टेशन भवन ।
- ‘सभी के लिए सुलभ’ भवन
- ‘ भारतीय हरित भवन परिषद (इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल -आईजीबीसी) से प्रमाणित हरित स्टेशन भवन (ग्रीन स्टेशन बिल्डिंग)’
अयोध्या नगर से गुजरने वाली प्रमुख वस्तुएँ – Bypass road will be built in Ayodhya
- इनमे चमड़ा , कपड़ा, प्लास्टिक और इंजीनियरिंग सामान शामिल है
- निर्माण के काम आने वाली सामग्री
- किराने का सामान के अलावा मछली, डेयरी उत्पाद , फल / सब्जियां आदि
- तेल , गैस, लोहा, इस्पात और लकड़ी आदि सामान भी अयोध्या नगर से होकर गुजरता है
अयोध्या बाईपास बनने से लोगों को यह लाभ होगा
- अयोध्या बाईपास बनाने से 5 किमी लंबाई में कमी होगी ,चूंकि यह नेटवर्क पेरिफेरल कनेक्टिविटी प्रदान करेगा]
- 66.67% यात्रा समय में कमी (1.2 घंटे से 0.4 घंटे)
- औसत गति में 250% की वृद्धि, अब वाहन 40 किमी / घंटा से 100 किमी / घंटा तक इस बाईपास पर दौड़ सकेंगे
- रोजगार सृजन में बढ़ोतरी होगी , अनुमान है कि 80 लाख व्यक्ति-दिन रोज़गार पैदा होगा
अयोध्या बाईपास से पर्यावरण पर भी पड़ेगा असर
- Bypass road will be built in Ayodhya : अयोध्या में बाईपास सड़क के निर्माण होने से पर्यावरण पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा , क्योंकि यह नेटवर्क पेरिफेरल कनेक्टिविटी प्रदान करेगा जिससे ईंधन में 50 लाख लीटर की वार्षिक कटौती होने का अनुमान है
- कार्बन फुटप्रिंट में 1 करोड़ किलोग्राम प्रतिवर्ष की कमी (40 किमी/घंटा से 100 किमी/घंटा) आने की सम्भावना है
- 20 किमी लंबाई के निर्माण में पुनर्चक्रण योग्य/पुन: प्रयोज्य सामग्री का उपयोग होगा