Benefits Of National Geospatial Policy 2022 : सरकार समावेशी विकास के प्रति प्रतिबद्धता दिखाते हुए राष्ट्रीय भू-स्थानिक नीति 2022 (एनजीपी) लागू कर रही है और स्थानिक डेटा की पहुंच और उपयोग में काफी विस्तार किया है, नागरिक सेवाओं में तेजी से सुधार किया है और देश के सुदूर कोनों तक इसकी पहुंच बढ़ाई है।
Launching of National Geospatial Policy
2022 में लॉन्च की गई राष्ट्रीय भू-स्थानिक नीति लागू करने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) ने भू-स्थानिक डेटा पहुंच को उदार बनाने के लिए गवर्नेंस संरचना को समेकित किया।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग भू-स्थानिक डेटा अवसंरचना और उद्यम विकास को निरंतर मजबूत बना रहा है। यह आत्मनिर्भर भारत पर बल देते हुए स्थानीय कंपनियों को अपनी वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए अपने भू-स्थानिक डेटा उत्पन्न तथा उपयोग करने के लिए सशक्त बना रहा है।
यह खुले मानकों, खुले डेटा और प्लेटफार्मों को प्रोत्साहित करता है।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रोफेसर अभय करंदीकर ने कहा, “माननीय प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र विश्व भू-स्थानिक अंतर्राष्ट्रीय कांग्रेस में समावेशन और प्रगति को आगे बढ़ाने में भू-स्थानिक प्रौद्योगिकियों की भूमिका पर प्रकाश डाला है।
राष्ट्रीय भू-स्थानिक नीति (एनजीपी) के माध्यम से भू-स्थानिक डेटा पहुंच को उदार बनाना इस दिशा में बड़ा कदम रहा है। इसने लोगों तक इसका लाभ पहुंचाने के लिए स्थानिक डेटा के उपयोग के तरीके को बदल दिया है।”
श्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में डेटा पहुंच के उदारीकरण की नीति की घोषणा के बाद गवर्नेंस संचरना को समेकित किया गया है।
भारत के भीतर भू-स्थानिक डेटा और मानचित्रों मानचित्रों की पूर्व स्वीकृति, सुरक्षा मंजूरी, लाइसेंस, अन्य प्रतिबंधों की आवश्यकता को समाप्त कर दिया गया है। पहले से मौजूद मंजूरी प्रणाली को स्व-प्रमाणन में बदल दिया गया है, जिससे पहुंच आसान हो गई है।
Benefits Of National Geospatial Policy
National Geospatial Policy : डेटा आधारभूत अवसंचरना को मजबूत करने तथा संगठनों और क्षेत्रों में बेहतर स्थान डेटा की उपलब्धता और पहुंच में सुधार के लिए भारतीय सर्वेक्षण (एसओआई) द्वारा एक अखिल भारतीय सतत संचालन संदर्भ स्टेशन (सीओआरएस) नेटवर्क लॉन्च किया गया है।
इसके अतिरिक्त भारतीय सर्वेक्षण ने स्वामित्व योजना के अंतर्गत ड्रोन फ्लाइंग से आंध्र प्रदेश, हरियाणा और कर्नाटक राज्यों को कवर करते हुए 2.8 लाख से अधिक गांवों का सर्वेक्षण और मैपिंग किया है।
व्यक्ति, कंपनियां और सरकारी एजेंसियां अब प्राप्त भू-स्थानिक डेटा को संसाधित कर सकती हैं, एप्लिकेशन बना सकती हैं और उस पर समाधान विकसित कर सकती हैं।
साथ ही ऐसे डेटा प्रोडक्ट, एप्लिकेशन और सॉल्यूशन का उपयोग कर सकती हैं। इसके साथ-साथ खुले मानकों, खुले डेटा और प्लेटफार्मों को बढ़ावा देकर राष्ट्रीय भू-स्थानिक नीति (एनजीपी) ने उद्यम विकास को प्रोत्साहित किया है।
इससे निजी उद्यमों की सक्रिय भागीदारी के साथ देश में एक संपन्न भू-स्थानिक उद्योग को प्रोत्साहित करने में सहायता मिलेगी।
नागरिक-केंद्रित नीति स्थानीय कंपनियों को अपने स्वयं के भू-स्थानिक डेटा को उत्पन्न करने और उपयोग करने, नवाचारों को सक्षम बनाने तथा इनक्यूबेशन सेंटरों, उद्योग उत्प्रेरक के साथ-साथ भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी पार्कों की स्थापना करके प्रौद्योगिकी नवाचार और अपनाने को बढ़ावा देने के लिए भी सशक्त बना रही है।
यह नवाचार के लिए सर्वोत्तम श्रेणी के इको-सिस्टम के साथ वैश्विक भू-स्थानिक क्षेत्र में भारत को विश्व नेता बनाने के लिए तैयार है।
इस प्रकार राष्ट्रीय भू-स्थानिक नीति नवाचार की स्वतंत्रता और स्थानिक डेटा की पहुंच में वृद्धि पर फोकस के साथ राष्ट्रीय विकास, आर्थिक समृद्धि और प्रधानमंत्री के विकसित भारत के सपने की दिशा में एक संपन्न सूचना अर्थव्यवस्था का समर्थन करने के लिए एक महत्वपूर्ण साधन बन गया है।
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