8th Armed Forces Ex-Servicemen Day celebrated : दोस्तों , जैसा कि आप सभी को मालूम है कि हर वर्ष 14 जनवरी को देशभर में सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस मनाया जाता है।
इस बार भी पूर्व सैनिकों को उनके निस्वार्थ कर्तव्य और बलिदान के लिए सम्मान देने और इन बहादुरों के परिजनों के प्रति एकजुटता को सुदृढ़ बनाने के लिए पूरे भारत में विभिन्न स्थानों पर आज 14 जनवरी, 2024 को 8वां सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस (Armed Forces Ex-Servicemen Day ) मनाया गया।
इस दिवस को यादगार बनाने के लिए श्रीनगर, पठानकोट, दिल्ली, कानपुर, अलवर, जोधपुर, गुवाहाटी, मुंबई, सिकंदराबाद, कोच्चि और कई अन्य स्थानों पर पुष्पांजलि समारोह और पूर्व सैनिक रैलियां आयोजित की गई।
रक्षा मंत्री ने सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस पर कहाँ सम्बोधित किया ?
भारत के रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने वायु सेना स्टेशन, कानपुर में एक पूर्व सैनिक रैली को संबोधित करके आयोजित समारोह का नेतृत्व किया। इस आयोजित कार्यक्रम में लगभग 1,000 पूर्व सैनिकों ने भाग लिया।
रक्षा मंत्री ने उनसे बातचीत की और मातृभूमि के प्रति उनकी निस्वार्थ सेवा के लिए वीर नायकों के प्रति हृदय तल से आभार व्यक्त किया। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि सैनिक हर भारतीय के दिल में एक विशेष स्थान रखते हैं।
उन्होंने कहा, “हमारे सैनिक परिवार, जाति और संप्रदाय से ऊपर उठ कर केवल राष्ट्र के बारे में सोच रखते हैं। वे अपने कर्तव्यों को प्रभावशाली रूप से परिपूर्ण करते हैं क्योंकि वे यह जानते हैं कि यदि राष्ट्र सुरक्षित है, तो सभी कुछ सुरक्षित है।
इससे उन्हें हर चुनौती का सामना करने के लिए नैतिक बल मिलता है।”
श्री राजनाथ सिंह ने पूर्व सैनिकों के कल्याण के प्रति रक्षा मंत्रालय की अटूट प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि वन रैंक वन पेंशन योजना को लागू करने से लेकर स्वास्थ्य देखभाल और पुन: रोजगार प्रदान करने तक प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार कल्याणकारी कार्य कर रही है।
पूर्व सैनिकों के हित सुनिश्चित करने के प्रयासों में कमी नहीं होगी। उन्होंने आगे कहा कि जहां सरकार देश की प्रगति के लिए और अधिक प्रयास कर रही है, वहीं जनमानस की भी यह सामूहिक जिम्मेदारी है कि वे सैनिकों और उनके आश्रितों के साथ अपने परिवार की तरह व्यवहार करें और यह सुनिश्चित करें कि हमेशा उनके हित में रहें।
उन्होंने सभी से सेवानिवृत्त और सेवारत सैनिकों को सम्मान देने की इच्छाशक्ति को और बल प्रदान करने का आग्रह किया।
रक्षा मंत्री ने बताया कि भारतीय सैनिकों की बहादुरी, अखंडता, पेशेवर और मानवता का न केवल पूरे देश में बल्कि पूरे विश्व में सम्मानीय और इसकी पहचान है।
उन्होंने कहा “प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध में हमारे सैनिकों की बहादुरी को दुनिया भर में सम्मान के साथ स्मरण किया जाता है। हम भारतीय भी न सिर्फ अपने देश के सैनिकों का तथापि दूसरे देशों के सैनिकों का भी सम्मान करते हैं।
पाकिस्तान के बारे में क्या कहा राजनाथ सिंह ने ?
Occasion of Armed Forces Ex-Servicemen Day : वर्ष 1971 के युद्ध में पाकिस्तान के 90,000 से ज्यादा सैनिकों ने भारत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था हम उनके साथ जैसा चाहते, वैसा व्यवहार कर सकते थे; लेकिन हमारी संस्कृति और परंपरा ऐसी है कि हमने पूरी तरह से मानवीय नजरिया अपनाया और उन्हें पूरे सम्मान के साथ उनके देश वापस भेजा।
दुश्मन देश सैनिकों के साथ ऐसा व्यवहार मानवता के सुनहरे अध्यायों में से एक है,”
Programe on Armed Forces Ex-Servicemen Day in Kanpur
इस अवसर पर, रक्षा मंत्री ने युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की और वीर नायकों को उनके सर्वोच्च बलिदान और समर्पित सेवा के लिए श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर, भारतीय सशस्त्र सेनाओं के रक्षा प्रमुख जनरल अनिल चौहान, एयर ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ, मेंटेनेंस कमांड एयर मार्शल विभास पांडे और एयर फोर्स स्टेशन के एयर ऑफिसर कमांडिंग, कानपुर के एयर कमोडोर एमके प्रवीण उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में से थे।
रक्षा राज्य मंत्री ने कहाँ पर सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस कार्यक्रम में ?
रक्षा राज्य मंत्री श्री अजय भट्ट दिन में बाद में सिकंदराबाद में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेंगे। नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार, एकीकृत रक्षा स्टाफ के प्रमुख, चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी (सीआईएससी) के अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल जेपी मैथ्यू, उप सेना प्रमुख (रणनीति) और संयुक्त सचिव, पूर्व सैनिक कल्याण (ईएसडब्ल्यू) सशस्त्र बलों के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भाग लिया।
इस अवसर पर पूर्व सैनिक और विभिन्न पूर्व सैनिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी कार्यक्रम में भाग लेकर इसकी शोभा बढा़ई। इस अवसर पर बोलते हुए, सेवा प्रमुखों ने पूर्व सैनिकों के हितों का ध्यान रखने वाली सशस्त्र बलों की विभिन्न एजेंसियों द्वारा किए गए महत्वपूर्ण कल्याणकारी कार्यो पर प्रकाश डाला।
उन्होंने राष्ट्र निर्माण में निस्वार्थ सेवा के लिए पूर्व सैनिकों की सराहना की।
कितने आईएएफ पेंशनभोगियों को स्पर्श प्लेटफॉर्म पर स्थानांतरित किया गया
वायु सेना प्रमुख ने उन पूर्व सैनिकों के योगदान को स्वीकार किया जिनकी मजबूत भावना, नेतृत्व और दूरदर्शिता ने आज की भारतीय वायु सेना (आईएएफ) की नींव रखी।
उन्होंने जानकारी दी कि लगभग 1.85 लाख आईएएफ पेंशनभोगियों को सिस्टम फॉर पेंशन एडमिनिस्ट्रेशन-रक्षा (स्पर्श) प्लेटफॉर्म पर स्थानांतरित कर दिया गया है, जो रक्षा पेंशन की मंजूरी और वितरण के लिए एक वेब-आधारित एकीकृत प्रणाली है।
उन्होंने कहा कि ‘डोरस्टेप पर सेवा’ अवधारणा के एक हिस्से के रूप में, प्रत्येक वायु सेना स्टेशन पर स्थापित स्पर्श सेवा केंद्र अधिक प्रभावी और व्यापक तरीके से विषयों को संबोधित करने में पूर्व सैनिकों को सहयोग कर रहे हैं।
नौसेना स्टाफ के प्रमुख ने कहा कि नौसेना पूर्व सैनिक समुदाय के समक्ष आने वाले विभिन्न विषयों के समाधान के लिए सक्रिय आउटरीच, सकारात्मक बातचीत और लगातार संचार के माध्यम से बहु-आयामी दृष्टिकोण के साथ कार्य कर रही है।
उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिक मामलों के निदेशालय, नौसेना रेजिमेंटल सिस्टम, नौसेना फाउंडेशन, अनुभवी नाविक फोरम, पेंशन अदालत जैसे स्थापित तंत्रों और मंचों के माध्यम से चल रही आउटरीच पहल को सेवानिवृत्त कर्मियों और उनके परिवारों के अलावा, विधवाओं और शहीद के परिजनों को कवर करने के लिए मजबूत और विस्तारित किया गया है।
नौसेना ने वर्ष 2023 में कितने आउटरीच कार्यक्रम आयोजित किए
नौसेना स्टाफ के प्रमुख ने बताया कि, पिछले साल, नौसेना ने लेह, लद्दाख और उत्तर पूर्वी राज्यों सहित विभिन्न स्थानों पर 58 ऐसे आउटरीच कार्यक्रम आयोजित किए थे।
उन्होंने कहा “हमें आपके अनुभव और ज्ञान का निरंतर लाभ प्राप्ति का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।
हम सेवाओं और पूर्व सैनिक समुदाय के सामने आने वाले विषयों को और अधिक अच्छे ढंग से संबोधित करने में मदद के लिए आपके अमूल्य मार्गदर्शन, निरंतर समर्थन और स्पष्ट सुझावों के लिए प्रतीक्षारत हैं,”
पूर्व सैनिक समुदाय के सम्मान में विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर ‘वी फॉर वेटरन्स’ गान का वादन किया गया।
इस समारोह में प्रथम पत्रिका ‘सागर संवाद’ का विमोचन भी हुआ, जो भारतीय नौसेना के पूर्व-सैनिक मामलों के निदेशालय द्वारा प्रकाशित एक वार्षिक पत्रिका है, जिसमें पूर्व सैनिकों के लिए जानकारी, नीतियों और रुचि के विभिन्न विषयों को सम्मिलित किया गया है।
भारतीय वायु सेना और भारतीय सेना ने क्रमशः ‘वायु संवेदना’ और ‘सम्मान’ पत्रिकाएँ भी जारी की।
पहली बार कब मनाया गया सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस ?
सशस्त्र बल के पहले कमांडर-इन-चीफ फील्ड मार्शल केएम करियप्पा द्वारा प्रदान की गई सेवा को मान्यता देने के लिए हर साल 14 जनवरी को सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस (Armed Forces Veterans Day ) मनाया जाता है, जो 1953 में इसी दिन सेवानिवृत्त हुए थे।
यह दिन पहली बार 2016 में मनाया गया था और पूर्व सैनिकों के सम्मान में इस तरह के कार्यक्रमों की मेजबानी करके इसे हर साल मनाया जाता है।
आज का दिन क्यों ख़ास है ?
आज का दिन देशवासियों के लिए दोहरी ख़ुशी का दिन था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जहाँ गरीबों के लिए आज पीएम-जनमन योजना के तहत उनकी पहली क़िस्त जारी की , वहीँ पूर्व सैनिको को Armed Forces Veterans Day मनाकर याद किया गया।